और जिसने एक कण के बराबर भी बुरा किया होगा, उसे देख लेगा।[1]
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1. (7-8) इन आयतों का अर्थ यह है कि प्रत्येक व्यक्ति अकेला आयेगा, परिवार और साथी सब बिखर जायेंगे। दूसरा अर्थ यह भी हो सकता है कि इस संसार में जो किसी भी युग में मरे थे सभी दलों में चले आ रहे होंगे, और सब को अपने किये हुये कर्म दिखाये जायेंगे। और कर्मानुसार पुण्य और पाप का बदला दिया जायेगा। और किसी का पुणय और पाप छिपा नहीं रहेगा।


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