वह शीघ्र लावा फेंकती आग में जायेगा।[1]
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1. (1-2) यह आयतें उस की इस्लाम को दबाने की योजना के विफल हो जाने की भविष्यवाणी हैं। और संसार ने देखा कि अभी इन आयतों के उतरे कुछ वर्ष ही हुये थे कि 'बद्र' की लड़ाई में मक्के के बड़े बड़े वीर प्रमुख मारे गये। और 'अबू लहब' को इस खबर से इतना दुःख हुआ कि इस के सातवें दिन मर गया। और मरा भी ऐसे कि उसे मलगिनानत पुसतुले (प्लेग जैसा कोई रोग) की बामारी लग गई। और छूत के भय से उसे अलग फेंक दिया गया। कोई उस के पास नहीं जाता था। मृत्यु के बाद भी तीन दिन तक उस का शव पड़ा रहा। और जब उस में गंध होने लगी तो उसे दूर से लकड़ी से एक गढ़े में डाल दिया गया। और ऊपर से मिट्टी और पत्थर डाल दिये गये। और क़ुर्आन की यह भविष्यवाणी पूरी हुई। और जैसा कि आयत संख्या 2 में कहा गया उस का धन और उस की कमाई उस के कुछ काम नहीं आई। उस की कमाई से उद्देश्य अधिक्तर भाष्यकारों ने 'उस की संतान' लिया है। जैसा कि सह़ीह ह़दीसों में आया है कि तुम्हारी संतान तुम्हारी उत्तम कमाई है।