अल्लाह ने आदरणीय घर काबा को लोगों के लिए (शांति तथा एकता की) स्थापना का साधन बना दिया है तथा आदरणीय मासों[1] और (ह़ज) की क़ुर्बानी तथा क़ुर्बानी के पशुओं को, जिन्हें पट्टे पहनाये गये हों। ये इसलिए किया गया ताकि तुम्हें ज्ञान हो जाये कि अल्लाह, जो कुछ आकाशों और जो कुछ धरती में है, सबको जानता है। तथा निःसंदेह अल्लाह प्रत्येक विषय का ज्ञानी है।
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1. आदर्णीय मासों से अभिप्रेत ज़ुलक़ादा, ज़ुलह़िज्जा, मुह़र्रम और रजब के महीने हैं।