आपकी बात वही स्वीकार करेंगे, जो सुनते हों, परन्तु जो मुर्दे हैं, उन्हें अल्लाह[1] ही जीवित करेगा, फिर उसी की ओर फेरे जायेंगे।
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1. अर्थात प्रलय के दिन उन की समाधियों से। आयत का भावार्थ यह है कि आप के सदुपदेश को वही स्वीकार करेंगे, जिन की अन्तरात्मा जीवित हो। परन्तु जिन के दिल निर्जीव हैं, तो यदि आप धरती अथवा आकाश से ला कर उन्हें कोई चमत्कार भी दिखा दें, तब भी वह उन के लिये व्यर्थ होगा। यह सत्य को स्वीकार करने की योग्यता ही खो चुके हैं।