(हे नबी!) आप कहें कि क्या तुमने इसपर भी विचार किया कि यदि अल्लाह तुम्हारे सुनने तथा देखने की शक्ति छीन ले और तुम्हारे दिलों पर मुहर लगा दे, तो अल्लाह के सिवा कौन है, जो तुम्हें इसे वापस दिला सके? देखो, हम कैसे बार-बार आयतें[1] प्रस्तुत कर रहे हैं, फिर भी वे मुँह[2] फेर रहे हैं।
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1. अर्थात इस बात की निशानियाँ कि अल्लाह ही पूज्य है, और दूसरे सभी पूज्य मिथ्या हैं। (इब्ने कसीर) 2. अर्थात सत्य से।