और वही है, जिसने आकाशों तथा धरती की रचना सत्य के साथ की[1] है और जिस दिन वह कहेगा कि "हो जा" तो वह (प्रलय) हो जायेगा। उसका कथन सत्य है और जिस दिन नरसिंघा में फूँक दिया जायेगा, उस दिन उसी का राज्य होगा। वह परोक्ष तथा[2] प्रत्यक्ष का ज्ञानी है और वही गुणी सर्वसूचित है।
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1. अर्थात विश्व की व्यवस्था यह बता रही है कि इस का कोई रचयिता है। 2. जिन चीज़ों को हम अपनी पाँच ज्ञान-इंद्रियों से जान लेते हैं वह हमारे लिये प्रत्यक्ष हैं, और जिन का ज्ञान नहीं कर सकते वह परोक्ष हैं।


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