हे नबी! क्यों ह़राम (अवैध) करते हैं आप उसे, जिसे ह़लाल (वैध) किया है अल्लाह ने आपके लिए? आप अपनी पत्नियों की प्रसन्नता[1] चाहते हैं? तथा अल्लाह अति क्षमी, दयावान् है।
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1. ह़दीस में है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) अस्र की नमाज़ के पश्चात् अपनी सब पत्नियों के यहाँ कुछ देर के लिये जाया करते थे। एक बार कई दिन अपनी पत्नी ज़ैनब (रज़ियल्लाहु अन्हा) के यहाँ अधिक देर तक रह गये। कारण यह था कि वह आप को मधु पिलाती थीं। आप की पत्नी आइशा तथा ह़फ़्सा (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) ने योजना बनाई कि जब आप आयें तो जिस के पास जायें वह यह कहे कि आप के मुँह से मग़ाफ़ीर (एक दुर्गन्धित फूल) की गन्ध आ रही है। और उन्होंने यही किया। जिस पर आप ने शपथ ले ली कि अब मधु नहीं पिऊँगा। उसी पर यह आयत उतरी। (बुख़ारीः 4912) इस में यह संकेत भी है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को भी किसी ह़लाल को ह़राम करने अथवा ह़राम को ह़लाल करने का कोई अधिकार नहीं था।


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