surah.translation .
من تأليف: مولانا عزيز الحق العمري .

शपथ है भेजी हुई निरन्तर धीमी वायुओं की!
फिर झक्कड़ वाली हवाओं की!
और बादलों को फैलाने वालियों की![1]
____________________
1. अर्थात जो हवायें अल्लाह के आदेशानुसार बादलों को फैलाती हैं।
फिर अन्तर करने[1] वालों की!
____________________
1. अर्थात सत्योसत्य तथा वैध और अवैध के बीच अन्तर करने के लिये आदेश लाते हैं।
फिर पहुँचाने वालों की वह़्यी (प्रकाशना[1]) को!
____________________
1. अर्थात जो वह़्यी (प्रकाशना) ग्रहण कर के उसे रसूलों तक पहुँचाते हैं।
क्षमा के लिए अथवा चेतावनी[1] के लिए!
____________________
1. अर्थात ईमान लाने वालों के लिये क्षमा का वचन तथा काफ़िरों के लिये यातना की सूचना लाते हैं।
निश्चय जिसका वचन तुम्हें दिया जा रहा है, वह अवश्य आनी है।
फिर जब तारे धुमिल हो जायेंगे।
तथा जब आकाश खोल दिया जायेगा।
तथा जब पर्वत चूर-चूर करके उड़ा दिये जायेंगे।
और जब रसूलों का एक समय निर्धारित किया जायेगा।[1]
____________________
1. उन के तथा उन के समुदायों के बीच निर्णय करने के लिये। और रसूल गवाही देंगे।
किस दिन के लिए इसे निलम्बित रखा गया है?
निर्णय के दिन के लिए।
आप क्या जानें कि क्या है वह निर्णय का दिन?
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
क्या हमने विनाश नहीं कर दिया (अवज्ञा के कारण) अगली जातियों का?
फिर पीछे लगा[1] देंगे उनके पिछलों को।
____________________
1. अर्थात उन्हीं के समान यातना ग्रस्त कर देंगे।
इसी प्रकार, हम करते हैं अपराधियों के साथ।
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
क्या हमने पैदा नहीं किया है तुम्हें तुच्छ जल (वीर्य) से?
फिर हमने रख दिया उसे एक सुदृढ़ स्थान (गर्भाशय) में।
एक निश्चित अवधि तक।[1]
____________________
1. अर्थात गर्भ की अवधि तक।
तो हमने सामर्थ्य[1] रखा, अतः हम अच्छा सामर्थ्य रखने वाले हैं।
____________________
1. अर्थात उसे पैदा करने पर।
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
क्या हमने नहीं बनाया धरती को समेटकर[1] रखने वाली?
____________________
1. अर्थात जब तक लोग जीवित रहते हैं तो उस के ऊपर रहते तथा बसते हैं। और मरण के पश्चात उसी में चले जाते हैं।
जीवित तथा मुर्दों को।
तथा बना दिये हमने उसमें बहुत-से ऊँचे पर्वत और पिलाया हमने तुम्हें मीठा जल।
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
(कहा जायेगाः) चलो उस (नरक) की ओर जिसे तुम झुठलाते रहे।
चलो ऐसी छाया[1] की ओर जो तीन शाखाओं वाली है।
____________________
1. छाया से अभिप्राय, नरक के धुवें की छाया है। जो तीन दिशाओं में फैला होगा।
जो न छाया देगी और न ज्वाला से बचायेगी।
वह (अग्नि) फेंकती होगी चिँगारियाँ भवन के समान।
जैसे वह पीले ऊँट हों।
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
ये वो दिन है कि वे बोल[1] नहीं सकेंगे।
____________________
1. अर्थात उन के विरुध्द ऐसे तर्क परस्तुत कर दिये जायेंगे कि वह अवाक रह जायेंगे।
और न उन्हें अनुमति दी जायेगी कि वे बहाने बना सकें।
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
ये निर्णय का दिन है, हमने एकत्र कर लिया है तुम्हें तथा पूर्व के लोगों को।
तो यदि तुम्हारे पास कोई चाल[1] हो, तो चल लो।
____________________
1. अर्थात मेरी पकड़ से बचने की।
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
निःसंदेह, आज्ञाकारी उस दिन छाँव तथा जल स्रोतों में होंगे।
तथा मन चाहे फलों में।
खाओ तथा पिओ मनमानी उन कर्मों के बदले, जो तुम करते रहे।
हम इसी प्रकार प्रतिफल देते हैं।
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
(हे झुठलाने वालो!) तुम खा लो तथा आनन्द ले लो कुछ[1] दिन। वास्तव में, तुम अपराधी हो।
____________________
1. अर्थात संसारिक जीवन में।
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
जब उनसे कहा जाता है कि (अल्लाह के समक्ष) झुको, तो झुकते नहीं।
विनाश है उस दिन झुठलाने वालों के लिए।
तो (अब) वे किस बात पर इस (क़ुर्आन) के पश्चात् ईमान[1] लायेंगे?
____________________
1. अर्थात जब अल्लाह की अन्तिम पुस्तक पर ईमान नहीं लाते तो फिर कोई दूसरी पुस्तक नहीं हो सकती जिस पर वह ईमान लायें। इसलिये कि अब और कोई पुस्तक आसमान से आने वाली नहीं है।