तथा इसी प्रकार, हमने वह़्यी (प्रकाशना) की है आपकी ओर अरबी क़ुर्आन की। ताकि आप सावधान कर दें मक्का[1] वासियों को और जो उसके आस-पास हैं तथा सावधान कर दें एकत्र होने के दिन[2] से, जिस दिन के होने में कोई संशय नहीं। एक पक्ष स्वर्ग में तथा एक पक्ष नरक में होगा।
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1. आयत में मक्का को उम्मुल क़ुरा कहा गया है। जो मक्का का एक नाम है जिस का शाब्दिक अर्थ "बस्तियों की माँ" है। बताया जाता है कि मक्का अरब की मूल बस्ती है और उस के आस-पास से अभिप्राय पूरा भूमण्डल है। आधुनिक भुगोल शास्त्र के अनुसार मक्का पूरे भूमण्डल का केंद्र है। इस लिये यह आश्चर्य की बात नहीं की क़ुर्आन इसी तथ्य की ओर संकेत कर रहा हो। सारांश यह है कि इस आयत में इस्लाम के विश्वव्यापि धर्म होने की ओर संकेत किया गया है। 2. इस से अभिप्राय प्रलय का दिन है जिस दिन कर्मों के प्रतिकार स्परूप एक पक्ष स्वर्ग में और एक पक्ष नरक में जायेगा।


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