हे लोगो जो ईमान लाये हो! बचो अधिकांश गुमानों से। वास्व में, कुछ गुमान पाप हैं और किसी का भेद न लो और न एक-दूसरे की ग़ीबत[1] करो। क्या चाहेगा तुममें से कोई अपने मरे भाई का मांश खाना? अतः, तुम्हें इससे घृणा होगी तथा अल्लाह से डरते रहो। वास्तव में, अल्लाह अति दयावान्, क्षमावान् है।
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1. ह़दीस में है कि तुम्हारा अपने भाई की चर्चा ऐसी बात से करना जो उसे बुरी लगे वह ग़ीबत कहलाती है। पूछा गया कि यदि उस में वह बुराई हो तो फिर? आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः यही तो ग़ीबत है। यदि न हो तो फिर वह आरोप है। (सह़ीह़ मुस्लिमः2589)