तथा (हे संरक्षको!) अनाथों को उनके धन चुका दो और (उनकी) अच्छी चीज़ से (अपनी) बुरी चीज़ न बदलो और उनके धन, अपने धनों में मिलाकर न खाओ। निःसंदेह ये बहुत बड़ा पाप है।
तथा (हे संरक्षको!) अनाथों को उनके धन चुका दो और (उनकी) अच्छी चीज़ से (अपनी) बुरी चीज़ न बदलो और उनके धन, अपने धनों में मिलाकर न खाओ। निःसंदेह ये बहुत बड़ा पाप है।