तथा तुम्हें कुछ ऐसे दूसरे लोग भी मिलेंगे, जो तुम्हारी ओर से भी शान्त रहना चाहते हैं और अपनी जाति की ओर से शांत रहना (चाहते हैं)। फिर जब भी उपद्रव की ओर फेर दिये जायेँ, तो उसमें ओंधे होकर गिर जाते हैं। तो यदि वे तुमसे विलग न रहें और तुमसे संधि न करें तथा अपना हाथ न रोकें, तो उन्हें पकड़ो और जहाँ पाओ, वध करो। हमने उनके विरुध्द तुम्हारे लिए खुला तर्क बना दिया है।