और उनका पक्ष न लें, जो स्वयं अपने साथ विश्वासघात करते हों, निःसंदेह अल्लाह विश्वासघाती, पापी से प्रेम नहीं करता[1]।
____________________
1. आयत का भावार्थ यह है कि न्यायधीश को ऐसी बात नहीं करनी चाहिये, जिस में किसी का पक्षपात हो।


الصفحة التالية
Icon