तथा तुम्हारे लिए जल का शिकार और उसका खाद्य[1] ह़लाल (वैध) कर दिया गया है, तुम्हारे तथा यात्रियों के लाभ के लिए तथा तुमपर थल का शिकार जब तक एह़राम की स्थिति में रहो, ह़राम (अवैध) कर दिया गया है और अल्लाह (की अवज्ञा) से डरते रहो, जिसकी ओर तुम सभी एकत्र किये जाओगे।
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1. अर्थात जो बिना शिकार किये हाथ आये, जैसे मरी हुई मछली। अर्थात जल का शिकार एह़राम की स्थिति में तथा साधारण अवस्था में उचित है।


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