फिर ये (निशानियाँ देखने) के बाद तुम्हारे दिल पत्थरों के समान या उनसे भी अधिक कठोर हो गये; क्योंकि पत्थरों में कुछ ऐसे होते हैं, जिनसे नहरें फूट पड़ती हैं और कुछ फट जाते हैं और उनसे पानी निकल आता है और कुछ अल्लाह के डर से गिर पड़ते हैं और अल्लाह तुम्हारे करतूतों से निश्चेत नहीं है।