ترجمة معاني سورة القدر باللغة الهندية من كتاب الترجمة الهندية .
من تأليف: مولانا عزيز الحق العمري .

निःसंदेह, हमने उस (क़ुर्आन) को 'लैलतुल क़द्र' (सम्मानित रात्रि) में उतारा।
और तुम क्या जानो कि वह 'लैलतुल क़द्र' (सम्मानित रात्रि) क्या है?
लैलतुल क़द्र (सम्मानित रात्रि) हज़ार मास से उत्तम है।[1]
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1. हज़ार मास से उत्तम होने का अर्थ यह कि इस शुभ रात्रि में इबादत की बहुत बड़ी प्रधानता है। अबू हुरैरह (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत (उदघृत) है कि जो व्यक्ति इस रात में ईमान (सत्य विश्वास) के साथ तथा पुण्य की नीति से इबादत करे तो उस के सभी पहले के पापा क्षमा कर दिये जाते हैं। (देखियेः सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्याः 35, तथा सह़ीह़ मुस्लिम ह़दीस संख्याः760)
उसमें (हर काम को पूर्ण करने के लिए) फ़रिश्ते तथा रूह़ (जिब्रील) अपने पालनहार की आज्ञा से उतरते हैं।[1]
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1. 'रूह़' से अभिप्राय जिब्रील अलैहिस्सलाम हैं। उन की प्रधानता के कारण सभी फ़रिश्तों से उन की अलग चर्चा की गई है। और यह भी बताया गया है कि वे स्वयं नहीं बल्कि अपने पालनहार की आज्ञा से ही उतरते हैं।
वह शान्ति की रात्रि है, जो भोर होने तक रहती है।[1]
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1. इस का अर्थ यह है कि संध्या से भोर तक यह रात्रि सर्वथा शुभ तथा शान्तिमय होती है। सह़ीह़ ह़दीसों से स्पष्ट होता है कि यह शुभ रात्रि रमज़ान की अन्तिम दस रातों में से कोई एक रात है। इसलिये हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम इन दस रातों को अल्लाह की उपासना में बिताते थे।