ترجمة سورة الزلزلة

الترجمة الهندية
ترجمة معاني سورة الزلزلة باللغة الهندية من كتاب الترجمة الهندية .
من تأليف: مولانا عزيز الحق العمري .

जब धरती को पूरी तरह झंझोड़ दिया जायेगा।
तथा भूमि अपने बोझ बाहर निकाल देगी।
और इन्सान कहेगा कि इसे क्या हो गया?
उस दिन वह अपनी सभी सूचनायें वर्णन कर देगी।
क्योंकि तेरे पालनहार ने उसे यही आदेश दिया है।
उस दिन लोग तितर-बितर होकर आयेंगे, ताकि वे अपने कर्मों को देख लें।[1]
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1. (1-6) इन आयतों में बताया गया है कि जब प्रलय (क्यामत) का भूकम्प आयेगा तो धरती के भीतर जो कुछ भी है, सब उगल कर बाहर फेंक देगी। यह सब कुछ ऐसे होगा कि जीवित होने के पश्चात् सभी को आश्चर्य होगा कि यह क्या हो रहा है? उस दिन यह निर्जीव धरती प्रत्येक व्यक्ति के कर्मों की गवाही देगी कि किस ने क्या क्या कर्म किये हैं। यद्पि अल्लाह सब के कर्मों को जानता है फिर भी उस का निर्णय गवाहियों से प्रमाणित कर के होगा।
तो जिसने एक कण के बराबर भी पुण्य किया होगा, उसे देख लेगा।
और जिसने एक कण के बराबर भी बुरा किया होगा, उसे देख लेगा।[1]
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1. (7-8) इन आयतों का अर्थ यह है कि प्रत्येक व्यक्ति अकेला आयेगा, परिवार और साथी सब बिखर जायेंगे। दूसरा अर्थ यह भी हो सकता है कि इस संसार में जो किसी भी युग में मरे थे सभी दलों में चले आ रहे होंगे, और सब को अपने किये हुये कर्म दिखाये जायेंगे। और कर्मानुसार पुण्य और पाप का बदला दिया जायेगा। और किसी का पुणय और पाप छिपा नहीं रहेगा।
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